PM Kaushal Vikas Yojana 2025 देश में रोजगार के अवसरों में तेजी से बदलाव आ रहा है। डिजिटल युग में नई तकनीकों और कौशल की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में युवा वर्ग को तैयार करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता बन गई है। इसी दिशा में केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लाखों नौजवानों को मुफ्त प्रशिक्षण देकर उनके भविष्य को संवारने का काम कर रही है।
योजना की पृष्ठभूमि और शुरुआत
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना की नींव वर्ष 2015 में रखी गई थी। इस योजना को लागू करने के पीछे सरकार का मुख्य विजन यह था कि देश के युवाओं को उनकी रुचि और योग्यता के अनुसार व्यावसायिक एवं तकनीकी कौशल प्रदान किया जाए, ताकि वे न केवल नौकरी पाने योग्य बनें, बल्कि स्वरोजगार की दिशा में भी आगे बढ़ सकें।
इस योजना का संचालन राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) के माध्यम से किया जाता है, जो प्रशिक्षण केंद्रों की निगरानी, गुणवत्ता नियंत्रण और उम्मीदवारों को प्रमाणपत्र प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
योजना के मुख्य लक्ष्य
- बेरोजगार युवाओं को रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण देना
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना
- उद्योगों की जरूरतों के अनुसार प्रशिक्षित मानव संसाधन तैयार करना
- आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करना
योजना की प्रमुख विशेषताएं
- निःशुल्क प्रशिक्षण की सुविधा :- PMKVY की सबसे आकर्षक विशेषता यह है कि इसमें दिया जाने वाला संपूर्ण प्रशिक्षण बिल्कुल निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जाती। युवाओं को बिना किसी आर्थिक बोझ के अपने पसंदीदा क्षेत्र में दक्षता हासिल करने का मौका मिलता है।
- प्रोत्साहन राशि का प्रावधान :- प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वाले अभ्यर्थियों को सरकार की तरफ से ₹8000 तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। यह राशि प्रशिक्षण की अवधि, उपस्थिति प्रतिशत और मूल्यांकन में प्राप्त अंकों के आधार पर निर्धारित होती है। पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
- रोजगार से जुड़ाव :- प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद योग्य उम्मीदवारों को विभिन्न संगठनों, कंपनियों और उद्योगों में नौकरी के अवसर प्रदान करने में भी मदद की जाती है। कई प्रशिक्षण केंद्रों का सीधा संपर्क उद्योग जगत से होता है, जिससे प्लेसमेंट की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
उपलब्ध प्रशिक्षण कोर्स की विस्तृत सूची
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत विभिन्न सेक्टरों में सैकड़ों प्रकार के कोर्स संचालित किए जाते हैं। इनमें पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के व्यवसाय शामिल हैं:
- तकनीकी कोर्स:- इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल उपकरण मरम्मत, मोबाइल फोन रिपेयरिंग, कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग, इलेक्ट्रीशियन, वेल्डिंग और फिटर, प्लंबिंग !
- आईटी और डिजिटल कोर्स:- डिजिटल मार्केटिंग और ई-कॉमर्स, डेटा एंट्री ऑपरेटर, बेसिक कंप्यूटर ऑपरेशन, ग्राफिक डिजाइनिंग, वेब डिजाइनिंग
- सौंदर्य और स्वास्थ्य:- ब्यूटी थेरेपी और कॉस्मेटोलॉजी, हेयर स्टाइलिंग और मेकअप, फिटनेस ट्रेनिंग, स्पा थेरेपी
- परंपरागत और कारीगरी कोर्स:- सिलाई-कढ़ाई और टेलरिंग, हस्तशिल्प और हैंडीक्राफ्ट, ज्वेलरी डिजाइनिंग, लकड़ी का काम (कारपेंट्री)
- अन्य महत्वपूर्ण सेक्टर:- कृषि आधारित प्रशिक्षण (जैविक खेती, पशुपालन), ड्राइविंग (कमर्शियल और प्राइवेट), निर्माण और भवन कार्य, हॉस्पिटैलिटी और होटल मैनेजमेंट, रिटेल और सेल्स
- इन सभी कोर्सों में व्यावहारिक (प्रैक्टिकल) और सैद्धांतिक (थ्योरी) दोनों तरह की शिक्षा दी जाती है, जिससे प्रशिक्षुओं को वास्तविक कार्य अनुभव मिलता है।
पात्रता मानदंड
मूलभूत योग्यताएं:
- आवेदक का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है
- आयु सीमा: 18 वर्ष से 35 वर्ष के बीच
- शैक्षणिक योग्यता: अधिकांश कोर्सों के लिए कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक है, हालांकि कुछ कोर्सों में बिना शैक्षणिक योग्यता के भी प्रवेश मिल सकता है
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड (अनिवार्य)
- बैंक खाता पासबुक (DBT के लिए)
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ
- शैक्षणिक प्रमाणपत्र
- मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में आवेदन करने की प्रक्रिया बेहद सरल और सुविधाजनक है:
- PMKVY की आधिकारिक पोर्टल पर विजिट करें
- रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें
- अपना नाम, पता, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी जैसी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करें
- शैक्षणिक योग्यता और रुचि का क्षेत्र चुनें
- दस्तावेज अपलोड करें
- आवश्यक प्रमाणपत्रों की स्कैन कॉपी अपलोड करें
- सबमिट और सत्यापन
- फॉर्म सबमिट करने के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा
- नजदीकी प्रशिक्षण केंद्र से कॉल या SMS के जरिए संपर्क किया जाएगा
ऑफलाइन आवेदन की सुविधा
जो उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन करने में असमर्थ हैं, वे अपने नजदीकी PMKVY प्रशिक्षण केंद्र, जन सेवा केंद्र (CSC) या कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर सीधे पंजीकरण करा सकते हैं।
प्रशिक्षण अवधि और प्रमाणीकरण
कोर्स की अवधि उसकी प्रकृति और जटिलता पर निर्भर करती है। सामान्यतः 150 घंटे से 300 घंटे तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। कुछ विशेष कोर्स 6 महीने तक भी चल सकते हैं।
प्रशिक्षण पूरा होने पर एक मूल्यांकन परीक्षा ली जाती है। सफल उम्मीदवारों को सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र दिया जाता है, जो पूरे देश में वैध होता है और नौकरी पाने में सहायक होता है।
योजना के प्रमुख लाभों की सारणी
| लाभ का प्रकार | विवरण | राशि/अवधि |
| प्रशिक्षण शुल्क | पूर्णतः निःशुल्क | ₹0 |
| प्रोत्साहन राशि | कोर्स पूरा करने पर | ₹8000 तक |
| कोर्स की संख्या | विभिन्न सेक्टर में | 300+ कोर्स |
| प्रशिक्षण अवधि | कोर्स के अनुसार | 150-300 घंटे |
| आयु सीमा | पात्र उम्मीदवार | 18-35 वर्ष |
| शैक्षणिक योग्यता | न्यूनतम | 10वीं पास (अधिकांश कोर्स) |
| प्रमाणपत्र | सरकारी मान्यता प्राप्त | राष्ट्रीय स्तर पर वैध |
| रोजगार सहायता | प्लेसमेंट सपोर्ट | उद्योगों से जुड़ाव |
योजना का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
- युवाओं को मिल रहा है आत्मविश्वास :- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह युवाओं के जीवन में बदलाव लाने वाली पहल है। इस योजना के माध्यम से हजारों युवा आत्मनिर्भर बन चुके हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभाव: विशेष रूप से गांवों और पिछड़े इलाकों में, जहां रोजगार के साधन सीमित होते हैं, वहां यह योजना वरदान साबित हुई है। स्थानीय युवाओं को अपने ही क्षेत्र में कौशल सीखने और कमाने का मौका मिल रहा है।
- उद्योगों को लाभ: इस योजना से देश के विभिन्न उद्योगों को प्रशिक्षित और कुशल कर्मचारी मिल रहे हैं, जिससे उत्पादकता में वृद्धि हो रही है और भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है।
- महिला सशक्तिकरण: बड़ी संख्या में महिलाएं भी इस योजना का लाभ उठा रही हैं। सिलाई-कढ़ाई, ब्यूटी पार्लर, हस्तशिल्प जैसे कोर्स महिलाओं को घर बैठे रोजगार का अवसर दे रहे हैं।
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