D Pharma Course After 12th फार्मासिस्ट बनना चाहते हैं? D Pharma है पहला कदम!

D Pharma Course After 12th स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के साथ फार्मेसी सेक्टर में trained professionals की मांग तेजी से बढ़ रही है। इसी बीच 12वीं के बाद छात्रों के लिए डी फ़ार्मा (Diploma in Pharmacy) एक बेहतरीन करियर विकल्प बनकर उभर रहा है। यह दो वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम दवाइयों की संरचना, निर्माण और सुरक्षित उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान करता है। कोर्स पूरा करने के बाद विद्यार्थी एक पंजीकृत फार्मासिस्ट बन सकते हैं और मेडिकल स्टोर खोलने का भी अधिकार प्राप्त करते हैं।

D Pharma Course After 12th

डी फार्मा कोर्स — एक नजर में (Table)

जानकारीविवरण
कोर्स का नामDiploma in Pharmacy (D Pharma)
अवधि2 वर्ष
योग्यता12वीं साइंस (PCB/PCM)
प्रवेश प्रक्रियामेरिट / एंट्रेंस एग्जाम
मुख्य विषयफार्मास्यूटिक्स, फार्माकोलॉजी, केमिस्ट्री
इंटर्नशिप3–6 महीने
सरकारी फीस₹12,000 – ₹40,000
निजी फीस₹50,000 – ₹1,50,000
शुरुआती वेतन₹15,000 – ₹25,000
करियर विकल्पफार्मासिस्ट, MR, लैब असिस्टेंट
स्वरोज़गारमेडिकल स्टोर खोलने की अनुमति
उच्च शिक्षाबी फार्मा, एम फार्मा, MBA फ़ार्मा

 

डी फार्मा में प्रवेश के लिए योग्यता

डी फार्मा में एडमिशन के लिए छात्र का 12वीं कक्षा विज्ञान (Science) संकाय से उत्तीर्ण होना आवश्यक है। इसमें फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य विषय रहते हैं, जबकि बायोलॉजी या गणित में से किसी एक का चयन किया जा सकता है।

अधिकतर कॉलेजों में न्यूनतम 45–50% अंक की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कई राज्यों में प्रवेश के लिए एंट्रेंस परीक्षा आयोजित की जाती है, जैसे—

  • JEECUP (उत्तर प्रदेश)
  • DTE Pharmacy Entrance Exam
  • विभिन्न राज्य स्तरीय CET परीक्षाएँ

इन परीक्षाओं में प्राप्त रैंक के अनुसार छात्रों को कॉलेज आवंटित किया जाता है।

कोर्स की अवधि और अध्ययन संरचना

डी फार्मा कार्यक्रम की कुल अवधि दो वर्ष होती है। इसमें छात्रों को फार्मेसी के सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक दोनों पहलुओं की जानकारी दी जाती है।

पहले वर्ष में दवाइयों का इतिहास, मूलभूत केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी और एनाटॉमी पढ़ाई जाती है।
दूसरे वर्ष में फार्माकोलॉजी, दवाई निर्माण तकनीक, अस्पताल फार्मेसी और ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन का प्रशिक्षण दिया जाता है।

कोर्स पूरा करने के बाद 3 से 6 महीने की अनिवार्य इंटर्नशिप भी शामिल होती है, जिससे छात्रों को वास्तविक कार्य वातावरण का अनुभव मिलता है।

डी फार्मा के मुख्य विषय

कोर्स में कई महत्वपूर्ण विषय शामिल किए जाते हैं, जिनकी मदद से छात्र दवाइयों की संरचना और उनके प्रभाव को समझते हैं। प्रमुख विषय इस प्रकार हैं—

  • फ़ार्मास्यूटिक्स
  • फ़ार्माकॉग्नोसी
  • फ़ार्माकोलॉजी
  • फ़ार्मास्यूटिकल केमिस्ट्री
  • ह्यूमन एनाटॉमी एंड फिजियोलॉजी
  • ड्रग स्टोर और बिजनेस मैनेजमेंट
  • हॉस्पिटल एंड क्लीनिकल फार्मेसी
  • बायोकैमिस्ट्री और क्लिनिकल पैथोलॉजी

इन विषयों के माध्यम से छात्रों को फार्मेसी क्षेत्र की व्यापक समझ विकसित होती है।

डी फार्मा के बाद मिलते हैं ये करियर अवसर

डी फार्मा पूरा करने के बाद छात्रों के सामने रोजगार के कई विकल्प खुल जाते हैं। इस डिप्लोमा के आधार पर विद्यार्थी सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। प्रमुख करियर विकल्प—

  • फार्मासिस्ट :- सरकारी तथा निजी अस्पतालों में मरीजों को दवाइयों का सही वितरण और उनकी जानकारी देना मुख्य कार्य होता है।
  • मेडिकल स्टोर मैनेजर :- दवा स्टॉक संभालना, बिलिंग और ग्राहक सहायता जैसे कार्यों की जिम्मेदारी निभानी होती है।
  • फार्मास्यूटिकल कंपनियों में अवसर :- फार्मा इंडस्ट्री में निम्न पदों पर नौकरी मिल सकती है— क्वालिटी असिस्टेंट, प्रोडक्शन असिस्टेंट, लैब तकनीशियन, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव (MR), सेल्स एग्जीक्यूटिव
  • अस्पताल फार्मेसी :- अस्पतालों में दवाओं का प्रबंधन, मरीजों को दवा उपलब्ध कराना और डॉक्टरों के साथ समन्वय करना शामिल है।
  • स्वरोज़गार के अवसर :- डी फार्मा डिग्री प्राप्त करने के बाद छात्र मेडिकल स्टोर खोलने के लिए आवश्यक लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा— थोक दवा विक्रेता, ऑनलाइन फार्मेसी पार्टनर, दवा सप्लाई चेन, डायग्नोस्टिक सेंटर में दवा वितरण जैसे क्षेत्रों में अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

उच्च शिक्षा के विकल्प

जो छात्र फार्मेसी सेक्टर में आगे बढ़ना चाहते हैं, उनके लिए डी फार्मा के बाद उच्च अध्ययन के कई विकल्प उपलब्ध हैं—

  • बी फार्मा (Bachelor of Pharmacy)
  • एम फार्मा (Master of Pharmacy)
  • फार्मेसी में MBA
  • क्लीनिकल रिसर्च कोर्स

उच्च शिक्षा से करियर में तरक्की और बेहतर वेतन प्राप्त करने के अवसर बढ़ जाते हैं।

फीस और अनुमानित वेतन

डी फार्मा की फीस कॉलेज के प्रकार पर निर्भर करती है—

  • सरकारी कॉलेज: ₹12,000 – ₹40,000 प्रति वर्ष
  • निजी कॉलेज: ₹50,000 – ₹1,50,000 प्रति वर्ष

सैलरी की बात करें तो शुरुआती वेतन लगभग ₹15,000 से ₹25,000 प्रति माह मिलता है। अनुभव बढ़ने पर यह बढ़कर ₹35,000 से ₹50,000 प्रति माह तक पहुंच सकता है। फार्मा कंपनियों में इससे अधिक पैकेज भी मिलता है।

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